इल्यूमिनती और भूतिया जहाज | Illuminati and the ghost ship.

विचित्र दुनिया में हर पल कुछ न कुछ रहस्यमयी घटनाएँ होती रहती हैं जिनमें से कुछ रहस्यों को समय के साथ-साथ सुलझा लिया जाता है लेकिन कुछ रहस्य ऐसे भी होते हैं जिनका जवाब बड़े-बड़े विशेषज्ञ और हमारी मॉर्डन साइंस के पास भी नहीं होता तो आज की कहानी में हम आपको ऐसी ही कहनियों के बारे में बताएंगे जो आज तक आपने नहीं सुनी होगी.

इल्यूमिनती (ILLUMINATI)

इल्लुमिनाती: 1 मई, 1776 को जर्मन दार्शनिक जोहान एडम वेइशॉप्ट ने द ऑर्डर ऑफ द इलुमिनाटी नाम से एक गुप्त समिति बनाई। इल्लुमिनाती एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है प्रबुद्ध। जो लोग समिति का हिस्सा थे उन्हें इल्लुमिनाति कहा जाता था. दोस्तों आप मै से किसी न किसी ने गीता कुरान बाइबिल या गुरु ग्रंथ साहिब को पढ़ा होगा या फिर उनमें दिए गए उपदेश का पालन करते होंगे तो आपको यह भी पता होगा कि भगवान और शैतान दोनों ही होते हैं भगवान को जहां अच्छाई का प्रतीक माना जाता है वही शैतान को बुराई के रूप में देखा जाता है लुसिफर यानी शैतान के अनुयाई थे ऐसा मानते थे कि लुसिफर ही सर्वशक्तिमान है और वह सब कुछ देख रहा है और वह सब कुछ जानता है और इसी कारण लुसिफर बुद्धिमान है. यही नहीं इल्यूमिनती के सदस्यों का यह भी मानना था कि यदि कोई व्यक्ति दूसरे लुसिफर को मानता है तो बदले में उसे ऐसी नॉलेज प्राप्त हो जाएगी जिसकी सहायता से वह व्यक्ति या तो उनका समूह दुनिया पर राज कर सकता है या पूरी दुनिया को अपने हिसाब से चला सकता है कुछ ही दिनों में यह सेक्रेट सोसायटी तेजी से अपना विस्तार करने लगी और लोग बड़ी तादाद में इल्यूमिनती बनने लगे इतनी तेजी के विस्तार से डर कर तत्कालीन शासक ने इस सेक्रेट सोसायटी को बंद करने का आदेश दे दिया और यह सीक्रेट संगठन रातों दोस्तों आप मै से किसी न किसी ने गीता कुरान बाइबिल या गुरु ग्रंथ साहिब को पढ़ा होगा या फिर उनमें दिए गए उपदेश का पालन करते होंगे तो आपको यह भी पता होगा कि भगवान और शैतान दोनों ही होते हैं भगवान को जहां अच्छाई का प्रतीक माना जाता है वही शैतान को बुराई के रूप में देखा जाता है लुसिफर यानी शैतान के अनुयाई थे ऐसा मानते थे कि लुसिफर ही सर्वशक्तिमान है और वह सब कुछ देख रहा है और वह सब कुछ जानता है और इसी कारण लुसिफर बुद्धिमान है. यही नहीं इल्यूमिनती के सदस्यों का यह भी मानना था कि यदि कोई व्यक्ति दूसरे लुसिफर को मानता है तो बदले में उसे ऐसी नॉलेज प्राप्त हो जाएगी जिसकी सहायता से वह व्यक्ति या तो उनका समूह दुनिया पर राज कर सकता है या पूरी दुनिया को अपने हिसाब से चला सकता है कुछ ही दिनों में यह सेक्रेट सोसायटी तेजी से अपना विस्तार करने लगी और लोग बड़ी तादाद में इल्यूमिनती बनने लगे इतनी तेजी के विस्तार से डर कर तत्कालीन शासक ने इस सेक्रेट सोसायटी को बंद करने का आदेश दे दिया और यह सीक्रेट संगठन रातों-रात विघटन हो गया और इसके बाद से किसी भी इल्यूमिनती का कोई पता नहीं लगा क्योंकि यह लोग तभी से अपने संगठन को बेहद खूबसूरत ढंग से चला रहे थे अब हम इसे चला रहे थे कहीं या चला रहे हैं अस्तित्व खत्म हो चुका है या वह अभी हमारे बीच में मौजूद हैं यह आज भी एक अनसुलझी पहली हैविघटन हो गया और इसके बाद से किसी भी इल्यूमिनती का कोई पता नहीं लगा क्योंकि यह लोग तभी से अपने संगठन को बेहद खूबसूरत ढंग से चला रहे थे अब हम इसे चला रहे थे कहीं या चला रहे हैं अस्तित्व खत्म हो चुका है या वह अभी हमारे बीच में मौजूद हैं यह आज भी एक अनसुलझी पहली है.

Illuminati: On May 1, 1776, German philosopher Johann Adam Weishaupt created a secret society called The Order of the Illuminati. Illuminati is a Latin word meaning enlightened. The people who were part of the committee were called the Illuminati. Friends, if any of you must have read Geeta, Quran, Bible or Guru Granth Sahib or follow the teachings given in them, then you would also know that there is both God and Satan, where God is considered a symbol of goodness. The same Satan is seen as evil. Lucifer i.e. Satan’s followers believed that Lucifer is almighty and he sees everything and knows everything and that is why Lucifer is intelligent. Not only this, the members of Illuminati also believed that if a person believes in another Lucifer, then in return he will get such knowledge with the help of which that person can either rule the world or his group can rule the whole world according to his own. Within a few days, this secret society started expanding rapidly and people started becoming Illuminati in large numbers. Fearing such a rapid expansion, the then ruler ordered the closure of this secret society and this secret organization became famous overnight, friends. If any of you must have read Geeta, Quran, Bible or Guru Granth Sahib or follow the teachings given in them, then you would also know that there is both God and Satan, where God is considered the symbol of goodness. The same Satan is seen as evil. There were followers of Lucifer i.e. Satan, they believed that Lucifer is almighty and he sees everything and he knows everything and that is why Lucifer is intelligent. Not only this, the members of Illuminati also believed that if a person believes in another Lucifer, then in return he will get such knowledge with the help of which that person can either rule the world or his group can rule the whole world according to his own. Within a few days, this secret society started expanding rapidly and people started becoming Illuminati in large numbers. Fearing such a rapid expansion, the then ruler ordered the closure of this secret society and this secret organization disappeared overnight. The night disintegrated and after that there was no trace of any Illuminati because since then these people were running their organization in a very beautiful manner, now we were running it somewhere or are running it, its existence has ended or it is now It is still present among us, it is an unsolved first disintegration and since then no trace of any Illuminati has been found because since then these people were running their organization in a very beautiful manner, now we were running it somewhere or the other. Whether he has ceased to exist or whether he is still present among us is still an unsolved question.

भूतिया जहाज (The Ghost Ship)

सन 1947 के जून में जो अमेरिका जहाज Malacca नाम की जगह से गुजर रहे थे तभी उन्हें एक बेहद अजीब और डरावना सा कम्युनिकेशन मैसेज आया इस स-ओ-स मैसेज का सोर्स अज्ञात था लेकिन इस मैसेज में जो बात कही गई वो बेहद चौका देने वाली थी.सिर्फ दो  मैसेज के अलावा और कुछ भी नहीं ट्रांसलेट हुआ था पर क्योंकि इन मैसेज का सोर्स अज्ञात था उसी वक्त Malacca के तटों के पास जितने भी जहर थे उन सभी को बता दिया गया और इस जहाज को ढूंढने की कवायत तेजी से शुरू हो गई उसी समय केसर्च ऑपरेशन के बाद एक जहाज को ढूंढ निकाला गया जिसका नाम था SS Ourang Medan. जब वह लोग जहाज के पास पहुंचे वहां का नजारा बेहद डरावना और मिस्टीरियस था क्योंकि जहाज का पूरा का पूरा क्रू मर चुका था और उस जहाज पर अब जिंदगी का कोई नाम नहीं था लेकिन एक बात इससे भी ज्यादा विचित्र थी वह सभी लोगों की लाशों पर बिल्कुल एक समान भाव थे इन लाशों की आंखें फटी पड़ी थी और इनका मुंह खुला हुआ था जिसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो इन लोगों ने मरने  से पहले कोई डरावना  दृश्य देख लिया था. यही नहीं शिप पर मौजूद एक कुत्ते की डेड बॉडी भी कुछ इसी तरह की हालत में पाई गई थी उस कुत्ते की लाश को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वह मरने से तुरंत पहले किसी चीज या इंसान पर भौंक रहा था इन लाशों में एक और बेहद विचित्र बात थी. किसी भी लाश पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं थे और यह गति से भी गल  रही थी.जब जहाज को बंदरगाह की तरफ ले जा जा रहा था तब उसके नीचे से धुआं निकलना शुरू हो गया और वे जहाज हमेशा के लिए समुद्र में डूब गया. इस बात का आज तक कोई पता नहीं लग पाया है कि वह वॉइस मैसेज किसने किया था.

In June 1947, when the American ships were passing through a place called Malacca, they received a very strange and scary communication message. The source of this message was unknown but what was said in this message was very shocking. Apart from only two messages, nothing else was translated but because the source of these messages was unknown, at the same time all the poisons lying near the shores of Malacca were informed and efforts to find this ship started rapidly. At the same time, after the search operation, a ship was found whose name was SS Ourang Medan. When they reached near the ship, the scene there was very scary and mysterious because the entire crew of the ship was dead and there was no life on that ship, but one thing was even more strange, that was on the dead bodies of all the people. These dead bodies had exactly the same expressions; their eyes were wide open and their mouths were open, looking as if these people had seen some scary scene before they died. Not only this, the dead body of a dog present on the ship was also found in a similar condition. Looking at the dead body of that dog, it seemed as if it was barking at something or a person immediately before dying. Another one of these dead bodies was found. It was a very strange thing. There were no marks of any kind of injury on any of the bodies and they were also decomposing due to the speed. When the ship was being taken towards the port, smoke started coming out from under it and that ship remained in the sea forever. drowned. Till date no one has been able to find out who sent that voice message.

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