इस दुनिया में एक से बढ़कर एक खूबसूरत इमारतें हैं लेकिन ताज जैसी कोई नहीं |
21 – यह कहा जाता है कि शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे यह बात एक अफवाह जैसी लगती है क्योंकि इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है | इतिहासकारों का मानना है कि शाहजहां ने मजदूरों और कारीगरों को जिंदगी भर की पगार देकर उनसे करार नामा लिखवाया था कि वह ऐसी कोई दूसरी इमारत नहीं बनाएंगे|
20 – कुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनार है लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी होगी के ताजमहल की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा है| ताज महल 73 मीटर ऊंचा है जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है |
19 – ताजमहल की जो चारमीनार हैं ये बिल्कुल सीधी नहीं खड़ी है बल्कि चारों बाहर की और हल्की झुकी हुई है और इन्हें ऐसा ही बनाया गया था ताकि भूकंप जैसी आपदा आने पर अगर यह गिरे भी तो बाहर की ओर गिरे और मुख्य मकबरे को कोई नुकसान न पहुंचे|
18 – हजारों टूरिस्ट ताजमहल को देखने आते हैं लेकिन वह यह नहीं जानते कि जो वह सामने देख रहे हैं वह ताज महल का पिछला हिस्सा है| दरअसल जो शाही दरवाजा है वह नदी के किनारे दूसरी तरफ है आज ज्यादातर टूरिस्ट तक को वैसा नहीं नहीं देख पाते जैसा कि शाहजहां चाहते थे मुगल काल में तक तक पहुंचाने के लिए नदी ही मुख्य रास्ता थी | बादशाह और उनके शाही मेहमान नाव में बैठकर आते थे नदी के किनारे चबूतरा हुआ करता था नदी बढ़नी गई और वो बहुत पहले ही नष्ट हो गया | बादशाह और उनके और मेहमान इस चबूतरा से ताज आया करते थे|
17 – ताजमहल के मुख्य गुंबद का जो कलश है किसी जमाने में वो सोने का हुआ करता था 19वीं सदी की शुरुआत में सोनी के कलश को बदलकर कांसे का कलश लगा दिया गया|
16 – ताज महल आज से करीब 400 साल पहले 1631 में बनना शुरू हुआ था और यह 22 साल बाद 1653 में पूरा हुआ | इसका निर्माण 20000 कारीगर और मजदूरों ने किया था इससे शानदार नमूना दुनिया में दूसरा कोई भी नहीं ताज महल के निर्माण के लिए हर चीज को हीरे की तरह तराशा गया था| ताजमहल की दीवारों पर जो नकाशी है इसकी तकनीक इटली के कारीगरों से सीखी गई थी| संगमरमर को तरसते वाले कारीगर बुलाए गए थे| ईरान से संगमरमर पर कैलीग्राफी करने वाले कारीगर आए थे और पत्थर को तरसते के लिए बलूचिस्तान के कारीगर को बुलाया गया था |
15 – ऐसे भव्य इमारत दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी थी इसके लिए सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया गया था| और क्रिस्टल चीन से मंगवाया गया था| लेपिस लेस्ली अफगानिस्तान से आया था| पंजाब से सफायर श्रीलंका से और कार्नेलिय से आया था कुल मिलाकर ऐसे ही 28 की बेस कीमती रतन को सफेद संगमरमर में जाड़ा गया था| इन सब चीजों को विदेश से आगरा लाने के लिए 1000 से भी ज्यादा हाथी इस्तेमाल किए गए थे |
14 – ताजमहल की नीव बनाते समय ताज के चारों और बहुत से केन कोड़े गए| इन में ईट पत्थर के साथ-साथ आबनूस और महोगनी की लड़कियों के लट्ठे डेल गए ये केन ताज की नींव को मजबूत बनाते हैं आबनूस और महोगनी की लड़कियों में ये खासियत होती है की इन्हें जितनी नमी मिलती रहेगी उतनी ही फौलादी और मजबूत रहेगी और इन लड़कियों को नमी ताज के पास बहाने वाली यमुना नदी के पानी से मिलती है| यमुना नदी का स्तर हर साल घट रहा है और लड़कियों में नामी की कमी हो गई है यही वजह है की सन 2010 में ताजमहल दरारें भी देखी गई थी |
13 – ऐसा बताया जाता है ताजमहल का नक्शा पर्शिया के जाने-माने आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी ने 37 लोगों की समूह के साथ मिलकर तैयार किया था | यह साइंटिस्ट लोग वास्तुकार दुनिया के दूर-दूर कोनो से बुलाए गए थे | आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि ताजमहल की तरह ही दिल्ली के लाल केले के आर्किटेक्ट भी अहमद लाहौरी ही थे|
12 – 1653 में जब ताज बनकर तैयार हुआ था| उस समय इसके निर्माण की कीमत करोड़ों में आंकी गई थी उस हिसाब से अगर आज ताज बनवाया जाए तो इसे बनाने में कम से कम 57 अब 60 करोड रुपए लगेंगे|
11 – दूसरे विश्व युद्ध में सरकार ने मकबरे के चारों और बस का घेरा बनाकर सुरक्षा कवच तैयार कराया था जिससे की हवाई जहाज को भ्रमित किया जा सकेऔर ये उस समय जर्मन और जापानी हवाई हमले से सुरक्षा प्रधान कर पाए| 1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के समय भी यही किया गया था|
10 – शाहजहां का सर ध्यान ताज को एक खूबसूरत रूप देने में लगा रहा इसी बीच शाहजहां के ही बेटे औरंगज़ेब ने आगरा पर हमला करके अपने पिता को कैद कर लिया शाहजहां से पूछा गया की वो क्या चाहते हैं तो उन्होंने कहा की उनको ऐसी जगह पर कैदी बनाकर रखा जाए जहां से वो सीधे ताज को देख पाये और उनकी यह ख्वाहिश पुरी कर दी गई कैद में रहते हुए भी शाहजहां हर वक्त ताज को देखते रहते और उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी सांस ली मृत्यु के बाद उन्हें मुमताज के साथ ही ताजमहल में दफना दिया गया| एक हरे थके बादशाह को भी अगर किसी ने गिरने नहीं दिया तो वो मुमताज के लिए उनका बेपनाह प्यार ही था जी लगन से प्यार की अनोखी निशान बनकर तैयार हुई उसकी मिसाल आज पुरी दुनिया के सामने है|
9 – ताज महल का डिजाइन हुमायूं के प्रेरित दिखता है हुमायूं शाहजहां के परदादा थे उनका यह मकबरा हिंदुस्तान में आगे बनने वाली कई मुगल इमारतें के लिए प्रेरणा बना |
8 – 1989 में एक भारतीय लेखक पीनोक ने एक किताब लिखी थी जिसका नाम था ताज महल द ट्रू स्टोरी इस किताब में उन्होंने कई तर्को के साथ यह दावा किया था कि ताजमहल मकबरा बनने से पहले एक शिव मंदिर था और इसका नाम था जो तेजो महालय था| सन 2000 में अपनी बात को सिद्ध करने के लिए साइट खोदने के लिए सुप्रीम कोर्ट को अर्जी दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया| आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के मुताबिक ताजमहल कभी एक शिव मंदिर था इस बात का कोई सबूत नहीं है बल्कि शाहजहां ने ताज को बनवाया था इसके प्रमाण ही इतिहास के पन्नों में मिलते हैं|
7 – कई देशों में ताज महल की नकल पर बनी इमारतें मौजूद है जैसे जिन बांग्लादेश कोलंबिया और ऐसे ही एक इमारत भारत में भी मौजूद है बीवी का मकबरा यह इमारत महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है इससे मुगल बादशाह आजम शाह ने अपनी मां दिलराज बानो की याद में 17वीं सदी के आखिर में बनवाया था| इसे ताजमहल के तर्ज पर बनवाया गया था इस मकबरे का गुंबद ताजमहल की गुंबद से छोटा है और इसका सिर्फ गुंबद ही संगमरमर का है बाकी निर्माण प्लास्टर से किया गया है|
6 – ताजमहल के सबसे ज्यादा लोकप्रिय था इसके निर्माण से जुड़ी अद्भुत प्रेम कहानी की वजह से शाहजहां ने अपने बेगम मुमताज महल की याद में इस इमारत को बनवाया था मुमताज का असली नाम आरज़ुमन्द बानो बेगम था | शाहजहां ने उन्हें मुमताज महल नाम दिया यानी महल का सबसे अनमोल रतन 38 साल की उम्र में अपने 14वीं संतान को जन्म देते वक्त मुमताज की मृत्यु हो गई| उस वक्त बुरहानपुर में थी अपने प्रिय बेगम की मृत्यु से बादशाह बेहद दुखी हुए जैसे उनकी जिंदगी ही तबाह हो गई और आखिर उनकी याद में शाहजहां ने ताज को बनवाने का फरमान जारी किया | इसके बाद शाहजहां ने ताज को बनवाना शुरू किया | तब बुरहानपुर से मुमताज के शव को निकाल कर जहां ताजमहल बना रहा था उसके पास एक बगीचे में दफनाया गया| ताजमहल को तैयार होने में 22 साल लगे तब तक मुमताज का शव बगीचे में बनाए गए गए कब्र में ही दफन रहा बाद में उसे बाद में उसे ताजमहल के अंदर मुख्य गुंबद के नीचे दफनाया गया|
5 – एक कहानी प्रसिद्ध है की शाहजहां यमुना नदी के दूसरे तरफ कल संगमरमर से ऐसा ही एक और काला ताजमहल बनाना चाहते थे कहा जाता है की शाहजहां मुमताज की तरह अपने लिए भी एक मकबरा बनाना चाहते थे लेकिन इससे पहले है की वह कल ताजमहल बनवा पाते,औरंगज़ेब ने उनको कैद खाने में डलवा दिया लेकिन इतिहासकार कहते हैं की ये बाद में बनाई गई मनगढ़ंत कहानी हैं जिस जगह शाहजहां ने काला ताज बनाने की बात थी वहां वह कई बार खुदाई की जा चुकी है लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे ये पता चले की शाहजहां काला ताज बनवाना चाहते थे|
4 – कभी रविंदर नाथ टैगोर ने ताजमहल के बारे में लिखा है वक्त के गाल पर हमेशा के लिए रुका एक आंसू है| ताज महल को उन्होंने ताज की छवि वक्त के गाल पर एक थामे हुए आंसू के रूप में बयान की है | शाहजहां जानते थे कि यह दौलत यह ताकत और यह शानौं शौकत एक दिन सब खत्म हो जाएगा| उन्होंने सोचा कि कुछ ऐसी यादगार चीज बनाई जाए जो हमेशा रहे और शाहजहां ने अपने प्रिय की याद में तक को बनवाया | आज बादशाह नहीं रहे उनकी हुकुमत नहीं रही और उनके सल्तनत को भी खत्म हुए कई जमाने गुजर गए| बस एक तक है जिसे बादशाह की सदियों पुरानी प्रेम कहानी को खुद में संजोए रखा है |प्रकृति की गोद में चांद से जगमगाती यहभव्य इमारत सदियों से दो प्रेमियों के प्यार की अमर कहानी सुनाती आई है और सदियों तक सुनती रहेगी|
3 – जिस वक्त शाहजहां बादशाह बने वह मुगल सल्तनत का सबसे सुनहरा दौर था या यूं का है शाहजहां का जमाना मुगल हुकूमत के बसंत जैसा था चारों तरफ अमन और खुशहाली थी प्रजा के लिए बादशाह का हुक्म ही सबसे ऊंचा होता था | शाहजहां के बाद चाहत में लड़ाइयां नहीं होती थी वह जबरदस्त शानौं शौकत का दौर था बादशाह को बड़ी-बड़ी इमारतें बनवाने का शौक था उन्होंने मुगल वास्तुकला के साथ भारत के प्राचीन इतिहास को मिला दिया था|
2 – दुनिया में जितने भी ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं उनमें से सबसे सुंदर कैलीग्राफी ताज पर हुई है | जैसे ही आप ताज के बड़े दरवाजे से अंदर जाएंगे तो दरवाजे पर लिखा यह सुलेख आपका स्वागत करता है “हे आत्मा तू ईश्वर के पास विश्राम कर ईश्वर के पास शांति के साथ रह और उसकी परम शांति तुझ पर बरसे” यह कैलीग्राफी लिपि में है | यह कैलीग्राफी को डिजाइन करने वाले का नाम अब्दुल हक था जिसे ईरान से बुलाया गया था| शाहजहां ने उसके चका चौंद कर देने वाली कला को देखते हुए उसे उपाधि के तौर पर अमानत खान नाम दिया |
1 – 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने ताज को काफी नुकसान पहुंचाया उन्होंने लेटेस्टली जैसे कई देश कीमती रतन को ताजमहल की दीवारों से खोदकर निकाल लिया था|
There are many beautiful buildings in this world but none like the Taj.
21. It is said that Shahjahan had cut off the hands of the workers who built the Taj Mahal. This seems like a rumor because there is no evidence of this. Historians believe that Shahjahan had given lifetime wages to the laborers and artisans and made them sign an agreement that they would not build any other such building.
20. Qutub Minar is the tallest minaret of India but perhaps you will be surprised to know that the height of Taj Mahal is more than Qutub Minar. Taj Mahal is 73 meters high while Qutub Minar is 72.5 meters high.
19. The Charminars of the Taj Mahal do not stand straight at all, but all four of them are slightly inclined towards the outside and they were made in such a way that even if they fall in the event of a disaster like an earthquake, they would fall outwards and there would be no damage to the main mausoleum. Did not reach
18. Thousands of tourists come to see the Taj Mahal but they do not know that what they are seeing in front is the back part of the Taj Mahal. Actually, the royal gate is on the other side of the river. Today most of the tourists are not able to see the Tak as Shahjahan wanted. During the Mughal period, the river was the main route to reach the Tak. The emperor and his royal guests used to come in boats. There used to be a platform on the bank of the river. The river started rising and it was destroyed long ago. The emperor and his guests used to come to the Taj from this platform.
17. The urn in the main dome of the Taj Mahal was once made of gold. In the beginning of the 19th century, the gold urn was replaced with a bronze one.
16. Construction of Taj Mahal started about 400 years ago in 1631 and it was completed after 22 years in 1653. It was constructed by 20,000 artisans and laborers. There is no other magnificent specimen in the world like Taj Mahal. Everything was carved like a diamond for the construction of Taj Mahal. The technique of carving on the walls of Taj Mahal was learned from Italian artisans. The artisans who craved marble were called. Artisans who did calligraphy on marble had come from Iran and artisans from Balochistan were called to carve the stone.
15. The world had never seen such a grand building before. For this, white marble was brought from Makrana in Rajasthan. And the crystal was imported from China. Lapis Leslie came from Afghanistan. Sapphire came from Sri Lanka and Carnelian from Punjab. Overall, 28 such precious rattan were set in white marble. More than 1000 elephants were used to bring all these things from abroad to Agra.
14. While building the foundation of Taj Mahal, many canes were whipped around the Taj. Along with bricks and stones, logs made of ebony and mahogany were laid in them. These canes strengthen the foundation of the Taj. The specialty of ebony and mahogany girls is that the more moisture they get, the more steel they will remain and they will remain strong. Girls get moisture from the water of Yamuna river flowing near the Taj. The level of Yamuna river is decreasing every year and there is a dearth of fame among girls, that is why Taj Mahal cracks were also seen in 2010.
13. It is said that the map of Taj Mahal was prepared by the famous Persian architect Ustad Ahmed Lahauri along with a group of 37 people. These scientists and architects were called from far away corners of the world. For your information, let me tell you that like Taj Mahal, the architect of Red Banana of Delhi was also Ahmed Lahauri.
12. When the Taj was completed in 1653. At that time, the cost of its construction was estimated in crores. Accordingly, if the Taj is built today, it will cost at least Rs 57 to 60 crore.
11. During the Second World War, the government had prepared a security cover by making a circle of buses around the tomb so that the airplanes could be confused and this could provide protection from German and Japanese air attacks at that time. The same was done during the India-Pakistan wars of 1965 and 1971.
10. Shahjahan’s head was focused on giving a beautiful look to the Taj. Meanwhile, Shahjahan’s own son Aurangzeb attacked Agra and imprisoned his father. When Shahjahan was asked what he wanted, he said that he should be kept in such a place. He should be kept a prisoner from where he could see the Taj directly and his wish was fulfilled. Even while in captivity, Shahjahan kept looking at the Taj all the time and he breathed his last. After his death, he was buried in the Taj Mahal along with Mumtaz. Was buried If no one allowed even a tired king to fall, it was his immense love for Mumtaz, whose example was created with dedication as a unique symbol of love, which is in front of the whole world today.
9. The design of Taj Mahal seems to be inspired by Humayun. Humayun was the great grandfather of Shahjahan, his mausoleum became the inspiration for many Mughal buildings built in India.
8. In 1989, an Indian writer Pinok had written a book named Taj Mahal The True Story. In this book, he had claimed with many arguments that before the Taj Mahal was built as a mausoleum, there was a Shiva temple and its name was Tejo Mahalaya. Was In 2000, to prove his point, he had applied to the Supreme Court to dig the site, which was canceled by the Supreme Court. According to the Archaeological Survey of India, there is no evidence that the Taj Mahal was ever a Shiva temple, but the evidence that Shahjahan built the Taj is found in the pages of history.
7. There are buildings built on the copy of Taj Mahal in many countries such as Bangladesh, Colombia and a similar building is also present in India, Biwi Ka Maqbara. This building is in Aurangabad, Maharashtra. Mughal Emperor Azam Shah commemorates his mother Dilraj Bano. It was built in the late 17th century. It was built on the lines of the Taj Mahal. The dome of this mausoleum is smaller than the dome of the Taj Mahal and only its dome is made of marble, the rest is made of plaster.
6 – Taj Mahal was most popular because of the amazing love story related to its construction. Shahjahan had built this building in the memory of his wife Mumtaz Mahal. Mumtaz’s real name was Arzumand Bano Begum. Shahjahan named her Mumtaz Mahal i.e. the most precious gem of the palace. Mumtaz died at the age of 38 while giving birth to her 14th child. At that time, the king was deeply saddened by the death of his beloved Begum, who was in Burhanpur, as if his life was ruined and finally Shahjahan issued an order to build the Taj in her memory. After this Shahjahan started building the Taj. Then Mumtaz’s body was taken out from Burhanpur and buried in a garden near where the Taj Mahal was being built. It took 22 years for the Taj Mahal to be completed, till then Mumtaz’s body remained buried in a tomb made in the garden. Later, she was buried under the main dome inside the Taj Mahal.
5. A story is famous that Shahjahan wanted to build another similar black Taj Mahal with marble on the other side of the Yamuna river. It is said that Shahjahan wanted to build a mausoleum for himself like Mumtaz but before that he built the Taj Mahal. After this, Aurangzeb imprisoned him but historians say that this is a fabricated story created later. The place where Shahjahan had talked about building the Black Taj has been excavated several times but no such evidence was found to prove this. It was learned that Shahjahan wanted to build the Black Taj.
4. Ravinder Nath Tagore once wrote about Taj Mahal, There is a tear that has stopped forever on the cheek of time. He has described the image of Taj Mahal as a tear held on the cheek of time. Shahjahan knew that one day all this wealth, power and grandeur would end. He thought that something memorable should be made which would last forever and Shahjahan got the tower built in the memory of his beloved. Today the king is no more, his rule is no more and many times have passed since his sultanate also came to an end. There is only one person who has preserved the age-old love story of the emperor. This grand building shining with the moon in the lap of nature has been telling the immortal story of love of two lovers for centuries and will continue to be heard for centuries.
3. The time when Shahjahan became the emperor was the most golden period of the Mughal Sultanate or the era of Shahjahan was like the spring of the Mughal rule. There was peace and prosperity all around. The emperor’s orders were the highest for the people. After Shahjahan, there were no wars of will. It was a period of great pomp and show. The emperor was fond of building big buildings. He mixed the ancient history of India with Mughal architecture.
2. Of all the historical buildings present in the world, the most beautiful calligraphy has been done on Taj. As soon as you enter through the big door of the Taj, this calligraphy written on the door welcomes you, “O soul, rest with God, live in peace with God and may His supreme peace shower upon you.” This is in calligraphy script. The name of the designer of this calligraphy was Abdul Haq who was called from Iran. Seeing his dazzling art, Shahjahan gave him the title Amanat Khan.
1. During the revolution of 1857, the British caused a lot of damage to the Taj Mahal. Like the latest one, they dug out many valuable gems from the walls of the Taj Mahal.