पद्मनाथ मंदिर के सातवें दरवाजे पर नासा के वैज्ञानिक को जो मिला उसे देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।भारत समेत दुनियाभर में ऐसे कई रहस्य हैं, जिनके बारे में आज तक इंसानों को कोई जानकारी नहीं है। विज्ञान चाहे कितनी भी उन्नति कर लें, लेकिन ऐसी कई पहेलियां हैं जिन्हें साइंस आज भी सुलझा नहीं पाया है। आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जिसके अंदर आज भी।अरबों के सोने, चांदी, हीरे जवाहरात और भी कितना सारा खजाना छुपा हुआ है उसका पता लगाने के लिए भारत के उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी गई थी और काफी मेहनत के बाद कपाट भी खोले गए। लेकिन वैग्यानिकों की टीम के साथ जो चमत्कार हुआ उसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
कहते है स्वयं नागलोक के नाग इस मंदिर के खजाने की रक्षा करते हैं। हम बात कर रहे हैं दक्षिण भारत के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ मंदिर के बारे में। ये मंदिर अपनी अंदर कई रहस्य छुपाए बैठा है। कहते हैं यहाँ तकरीबन सात तयखाने मौजूद है और जिसमें सातवें तहखाने में जो खजाना है। उसकी रक्षा नागलोक के नाग, पौराणिक पिशाच और कई अलौकिक देवता करते है, जिस इंसान ने सातवें दरवाजे को खोलने की कोशिश करी या तो गुप्त तरीके से वह गायब हो गया और यह अचानक से उसकी मौत हो गई.
बात है सन 1930 जब लुटेरों का एक गिरोह पद्मनाथ मंदिर में करोड़ों का खजाना लूटने आया और जब सातवें दरवाजे को खोलना चाहा तो अचानक से कुछ भयंकर नाग उसके पीछे पड़ गए . ऐसा माना जाता है प्राचीन काल के संतों ने शक्तिशाली नागपाश मंत्र द्वारा इस कक्ष के प्रवेश द्वार को शील किया है और पदम नाथ मंदिर के सातवें दरवाजे को केवल सबसे सटीक समझ वाला पुजारी ही गरुड़ मंत्र के जप से खोल सकता है लेकिन सन 2011 में सरकार द्वारा एक ऐसी नादानी हो गई जिसका पछतावा आज भी उन सभी वैज्ञानिकों को होता है जिनके द्वारा पद्मनाथ मंदिर का वह दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया पद्मनाथ स्वामी मंदिर केरल के तिरुवंतपुरम में मौजूद भगवान विष्णु का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु के विशाल मूर्ति विराजमान है जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों भक्त दूर-दूर से आते हैं इस प्रतिमा में भगवान विष्णु शेषनाग पर सायं मुद्रा में विराजमान है मानता है कि त्रिवेंद्रम पुरम नाम भगवान के अनंत नमक नाग के नाम के ऊपर रखा गया है यहां पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था में प्रतिमा हमें दिखाई देती है.
लेकिन आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर इस मंदिर का निर्माण किसने कराया और आखिर इस मंदिर में जो करोड़ों का खजाना है वह किसकी अमानत है मंदिर का निर्माण राजा मर्दंड ने करवाया था भगवान विष्णु को समर्पित पदम नाथ मंदिर को बाद में रावण को के राजाओं ने बनवाया जिसका जिक्र 9वीं शताब्दी के ग्रन्थो में भी मिलता है और इसके बाद ऐसा ही परिवार में खुद को भगवान पदमनाथ को ही समर्पित कर दिया अपना जितना भी खजाना था उन्होंने इस मंदिर के सातवे तहखाना में छुपा दिया इस मंदिर के गर्भ के नीचे हमें सात तहेखाने मिलते हैं जिसमें छह तहखानों के दरवाजे पर ताला लगा हुआ है लेकिन सातवे तहखाना के दरवाजे पर कोई ताला नहीं है बस नाग के दो निशान हमें वहां दिखाई देते हैं और कहते हैं किसी ने भी इस दरवाजे को खोलना चाहता तो नागो द्वारा उसकी मृत्यु हो जाएगी, जब सही खानदान ने अपना सारा खजाना पदमनाथ मंदिर को दे दिया कई लुटेरों की नजर इस मंदिर पर पड़ी लेकिन आज तक जितने भी दरवाजे को खोलने का प्रयास किया या तो वह रहस्यमय रूप से गायब हो या कुछ ही दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई.
सन 2011 में सरकार द्वारा भी एक ऐसा ही कदम उठाया गया एक सेवा निर्मित्र आईपीएस अधिकारी सुंदर राजा ने मंदिर के खजाने की जांच करने की मांग सुप्रीम कोर्ट में दायर करी इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी खजाने के बारे में पता लगाने के लिए सात सदस्य कमेटी का गठन किया तिरुवंतपुरम के लोगों का यही कहना था कि सरकार द्वारा बोलकर भी अगर उस दरवाजे को खोल दिया गया तो सभी लोगों के लिए मुसीबत का पहाड़ टूटेगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन दरवाजे को खोलने के आदेश पारित कर दिए इसके बाद एक कमेटी का गठन हुआ कई सारे आईपीएस अधिकारी पदमनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह के नीचे गए तो वहां एक-एक करके उन्होंने सात दरवाजे दिखाई दिए जब उन्होंने पहले दरवाजा खोला अंदर का नजारा देखकर उन सभी वैज्ञानिकों के रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि अंदर कई सारे कीमती रत्न और कई हीरे जवाहरात मौजूद थे जिसके बाद एक-एक करके वैज्ञानिकों द्वारा छह दरवाजे खोल दिए गए जिनके ऊपर ताला लगा हुआ था और अंदर से कई करोड़ की संपत्ति उन्हें प्राप्त हुई इन छह तहखानों के अंदर कीमती रत्न पत्थरों के साथ-साथ एक लाख करोड रुपए की कीमती धातुएं वैज्ञानिकों को प्राप्त हुए.
लेकिन अब इंतजार था उसे सातवें दरवाजे का क्योंकि सभी को यही आशा थी कि जब छह तक खानों में इतना खजाना मिल सकता है तो सातवें तहखाना में ऐसा क्या होगा लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि उसे तहखाना के दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगा हुआ था इस बात से सभी लोग डरे हुए क्योंकि आज तक जिसने 20 तहखाना को खोलना चाहे वह जिंदा नहीं बच पाया वैज्ञानिकों के मन में जानने की इच्छा थी ऐसा क्या है सातवे दरवाजे के पीछे यह जानने की इच्छा थी ऐसा क्या है सातवे दरवाजे में या तो अपार सोना या कोई खतरनाक हथियार लेकिन जब वैज्ञानिकों द्वारा सातवें दरवाजे को खोलने का प्रयास किया गया तो ताला ना होने के बावजूद भी 10 जने मिलकर भी उस दरवाजे को नहीं खोल पाए उस दरवाजे पर कान लगाकर सुना तो अंदर से पानी के बहाने की आवाज आ रही थी, कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि इस दरवाजे का दूसरा रास्ता अरब सागर की खाड़ी में खुलता है जब लाख कोशिश करने के बावजूद भी वैज्ञानिक इस दरवाजे को नहीं खोल पाए तो वैज्ञानिकों ने भी शास्त्र का सहारा लेना पड़ा उन्होंने काफी मुख्य पुजारी की व्यवस्था करी जिसे बहुत अच्छी तरह से गरुड़ मंत्र आता क्योंकि इस दरवाजे को केवल वही खोल सकता था जो की एक सटीक पुजारी हो जिसे गरुड़ मंत्र के ऊपर सिद्धि प्राप्त कर रखी हो जब उसे पुजारी ने दरवाजे के सामने गरुड़ मंत्र का जाप करना शुरू किया तो मंदिर में अचानक ही बहुत जोर से कंपन होने लगा इस कंपन से सभी लोग बहुत ज्यादा डर गए और गरुड़ मंत्र को बीच में रोकने के कारण उस पुजारी की दिल का दौरा पढ़ने से मौत हो गई यह नजारा देखकर वहां सभी वैज्ञानिकों के रोंगटे खड़े हो गए.
कहते हैं पहले दिन हार मानकर वे लोग वहां से लौट गए लेकिन 6 तहखानों मै से कई लाख करोड़ का खजाना सरकार को प्राप्त हुआ था लेकिन 1 से 2 दिन के बाद वह खबर आई जिसे सुनकर आपका भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे वह कमेटी जो दरवाजे को खोलने का प्रयास कर रही थी उसे कमेटी के दो सदस्यों की बिना किसी कारण ही मौत हो गई और एक-एक करके सभी के जीवन में तरह-तरह की मुसीबतें आने लगी तब पदमनाथ मंदिर के पुजारी ने सरकार को यह सख्त आदेश दिए कि अगर दरवाजे को खोलने का प्रयास किया तो इसी तरह हमारे ऊपर मुसीबतें बढ़ती रहेगी तो सरकार को भी पदम नाथ मंदिर के सामने अपने घुटने टेकने पड़ गए और उसके बाद यह निर्णय लिया गया कि उस सातवें दरवाजे को आज के बाद कोई भी नहीं खुलेगा क्योंकि आज तक जिसने भी उसे दरवाजे को खोलना चाहे उसे किसी न किसी प्रकार के अनहोनी का सामना करना पड़ा आईपीएस अधिकारी सुंदर राजाननाथ मंदिर का खजाना खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करी थी कहते हैं इस कमेटी के गठन के बाद उनका स्वास्थ्य बहुत ज्यादा खराब होने लगा और अचानक ही उनकी भी मृत्यु हो गई इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने एक बहुत भयंकर चेतावनी दी यदि किसी ने भी उस अंतिम कक्ष को खोलने की कोशिश करी तो अंजाम सच में बहुत बुरा होगा तिरुवनंतपुरम नाम नाम का एक नाग के ऊपर पड़ा है और वही नाग आज भी इस खजाने की रक्षा करता है आखिर कैसा है पद्मनाथ स्वामी का मंदिर, मंदिरमें एक स्वर्ण स्तंभ भी बना हुआ है जो मंदिर की खूबसूरती में इजाफा करता है मंदिर की गलियारों में अनेकों स्तंभ बनाए गए हैं जिनके नकाशी की गई है जो इस मंदिर की भव्यता में चार चांद लगा दे अगर आपको इस मंदिर में प्रवेश करना है तो पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होता है भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में भगवान की इतनी बड़ी मूर्ति है कि उनके दर्शन मंदिर में बने तीनों दरवाजा से ही किया जा सकता है पहले द्वारा से आपको भगवान का कर दिखाई देता है केंद्र के द्वारा से भक्त भगवान के नाभि से खिलते कमल को देख सकते हैं और तीसरे द्वारा से उनके चरण को देखा जा सकता है अब दोस्तों आपका मन में प्रश्न आ रहा होगा क्या पदम नाथ मंदिर का यह दरवाजा कोई नहीं खोल सकता तो इसका जवाब जानकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे पद्मनाथ मंदिर के सातवें द्वारा को खोलने एवं उसके खजाने को खोलने की बात होती है तो अचानक से वह का माहौल बन जाता है और अनहोनी की कहानी सबके सामने आने लगती है क्योंकि मंदिर के सातवें द्वार पर कोई ताला नहीं है ना ही कोई कुंडी है यहां जो सांपों के प्रतिबिंब है और वहीं नाग देवता आज भी इस मंदिर की रक्षा करते हैं लेकिन दोस्तों ऐसा कहते हैं 16 वीं शताब्दी के एक सिद्ध पुरुष जोगी या फिर कोई तपस्वी द्वारा इस दिव्य दरवाजे को खोला जा सकता है बस सिद्ध पुरुष पुरुष आकर जब इस दरवाजे के पास गरुड़ मंत्र का जाप करेगा तो उसके द्वारा यह गेट अपने आप खुल जाएगा लेकिन अगर उच्चारण जरा सा भी गलत हुआ तो दिल का दौरा पड़ने से या अन्य किसी कारण से उसकी मृत्यु भी हो सकती है तो दोस्तों पदम नाथ मंदिर के रहस्य के बारे में क्या आप आज से पहले जानते थे
(आपको कोई भी बात अच्छी लगी हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा मिलते हैं)