लखनऊ में 10 सर्वश्रेष्ठ भ्रमण स्थल || 10 Best Visiting Place In Lucknow

दिलखुश कोठी || Dilkhush Kothi

दिलखुश कोठी लखनऊ में नवाबों के द्वारा बहुत सारे महल बनवा गए और इनमें से एक है दिलखुश कोठी 18वीं शदी  में इंग्लिश बाउरख  इस्टाइल  में बनवाई गई थी और यह इसलिए था क्यों कि उस टाइम ब्रिटिशर्स का राज भारत में चल रहा था और नवाबों की दोस्ती ब्रिटिशर से  बहुत गहरी थी  उस समय ऐसा  महल बनवाया जाता था जो की राजाओं की रहने की जगह थी तब वह अलग से उनकी रानियों के ठहरने ककी जगह  भी बनाई जाती थी | महल का हिस्सा सिर्फ रानियों के  लिए बनवाया जाता था जहा केवल राजा जो की रानियों के पति थे वो ही जा सकते थे लेकिन दिलखुश कोठी में ऐसा कुछ नाहि  था दिलखुश कोठीऐसी कोठी थी जहा नवाब अली साथ रहते थे | दिलखुश कोठी में जाने की फीस है 25 रुपये और समय सुबह के 7 बजे से लेकर शाम के 8 बजे तक है| 

Dilkhush Kothi Many palaces were built by the Nawabs in Lucknow and one of them is Dilkhush Kothi. It was built in the English Bourke style in the 18th century and this was because at that time the British rule was going on in India and the Nawabs had friendship with the British. At that time a palace was built which was the residence of the kings and then a separate place was also built for the residence of their queens. The part of the palace was built only for the queens, where only the kings who were the husbands of the queens could go, but there was nothing like this in Dilkhush Kothi. Dilkhush Kothi was the palace where Nawab Ali lived. The fee to visit Dilkhush Kothi is Rs 25 and the timing is from 7 am to 8 pm.

अमीनाबाद बाजार || Aminabad Market

अमीनाबाद बाजार लखनऊ के सबसे पुराने बाजारों में है अमीनाबाद बाजार लखनऊ आए और अपनी बेगम के लिए झुमके नहीं लिए तो क्या-किया | अमीनाबाद में झुमको की तरह तरह की वैरायटी है जो ₹50 से लेकर ₹5000 तक जाती है और यह बाजार अपने झुमको के लिए बहुत प्रसिद्ध है जैसे दिल्ली किताबों के लिए मशहूर है ऐसे ही लखनऊ में अमीनाबाद बाजार की किताबों के लिए बहुत मशहूर है इस बाजार को एक्सप्लोरर करते हुए जब आप आगे बढ़ेंगे तो आपको आर्टिफिशियल ज्वेलरी , लहंगे और शादी की शॉपिंग के लिए कई सारी दुकान मिलेंगे और इन दुकानों पर दाम भी काफी रीजनेबल होते हैं लखनऊ अपने आर्टिफिशियल ज्वेलरी और चिकन कढ़ाई के शूट के लिए बहुत मशहूर है समय सुबह के 9 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक है| अमीनाबाद गुरुवार को बंद होता है|

Aminabad Market is one of the oldest markets of Lucknow. What did you do if you came to Lucknow and did not buy earrings for your wife? There is a wide variety of earrings in Aminabad which ranges from ₹50 to ₹5000 and this market is very famous for its earrings, just like Delhi is famous for books, similarly in Lucknow Aminabad market is very famous for its books. When you move forward while exploring the market, you will find many shops for artificial jewellery, lehenga and wedding shopping and the prices at these shops are also quite reasonable. Lucknow is very famous for its artificial jewelery and chikan embroidery shoots. It is from 9 am to 5 pm. Aminabad is closed on Thursday.

चंद्रिका देवी मंदिर || Chandrika Devi Temple

चंद्रिका देवी मंदिर गोमती नदी के घाट पर स्थित है जो कि तकरीबन 300 साल पुराना है और यह मंदिर है चंद्रिका देवी का जो की माता दुर्गा का एक रूप है ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मण जी के बड़े बेटे राजकुमार चंद्र केतु एक बार अमावस की रात को यहां से अपने अश्वमेध घोड़े पर कहीं जा रहे हैं तब रात होने के कारण वह ऐसी जगह पर रुक गए अंधेरी की वजह से लक्ष्मण जी  बेटे को डर लगा तब उन्होंने दुर्गा माता से प्रार्थना की  मेरी रक्षा करें दुर्गा माता  और माता प्रकट हुई और उन्होंने लक्ष्मण जी के बेटे  को आशीर्वाद दिया कि मेरी प्रार्थना करने से अमावस की रात पूर्णिमा के चांद में बदल जाएगी और इसीलिए इस मंदिर की बहुत मान्यता है चंद्रिका देवी मंदिर माही सागर तीर्थ के नाम से भी मशहूर है ऐसा मन जाता है कि अगर अब नवरात्रों की अमावस में यहां दर्शन करते हैं तो आपकी हर मुराद  पूरी होगी है इस मंदिर में आने की कोई फीस नहीं है और समय सुबह 5:00 से लेकर दोपहर 2:00 बजे से तक|

Chandrika Devi Temple is situated on the ghat of river Gomti which is approximately 300 years old and this temple is of Chandrika Devi which is a form of Mother Durga. It is believed that Lakshman ji’s elder son Prince Chandra Ketu once on a new moon night. When he was going somewhere from here on his Ashwamedha horse, then due to night, he stopped at such a place. Because of the darkness, Lakshman ji son got scared then he prayed to Durga Mata to protect him, Durga Mata and Mata appeared and he Blessed Laxman ji’s son that by praying to him, the new moon night will turn into a full moon and that is why this temple has a lot of recognition. Chandrika Devi Temple is also famous by the name of Mahi Sagar Teerth. It seems that if now during Navratri If you visit here during Amavasya, all your wishes will be fulfilled. There is no fee to visit this temple and its timing is from 5:00 am to 2:00 pm

जनेश्वर मिश्रा पार्क || Janeshwar Mishra Park

जानेश्वर मिश्रा पार्क एशिया का सेकंड लार्जेस्ट पार्क है जो की गोमती नगर लखनऊ में स्थित है यह बात 376 एकड़ में फैला हुआ है और इस पार्क का नाम स्वर्गीय श्री जनेश्वर मिश्रा जी के नाम पर रखा हुआ है इसी पार्क में श्री जनेश्वर मिश्रा जी की 25 फुट मूर्ति आपको देखने को मिलेगी| यह पार्क इतना बड़ा है कि इस घूमने के लिए तकरीबन पूरा दिन लग जाता है और इस पार्क में दो स्पेशल बातें हैं नंबर एक यहां का लेक और नंबर दो कि यह पूरा पार्क सोलर एनर्जी से चलता है| यहाँ पर आप बोटिंग साइकलिंग फिश फीडिंग जैसी एक्टिविटीज भी कर सकते हैं यहां के लोकल यहां पर हर सुबह और शाम को जोगिंग करने भी आते हैं यह पूरा पार्क इको फ्रेंडली है और इस पार्क में घूमने के लिए आपको पाठ भी मिल जाएगी जिसमें बैठकर आप यह पूरा पर घूम सकते हैं लेकिन उसे कार्ड की फीस आपको तकरीबन ₹50 देनी होगी| और समय सुबह 5:00 से लेकर रात के 10:00 बजे से तक|

Janeshwar Mishra Park is the second largest park in Asia, which is located in Gomti Nagar, Lucknow. It is spread over 376 acres and this park is named after Late Shri Janeshwar Mishra Ji. In this park, Shri Janeshwar Mishra Ji’s 25 You will get to see the foot statue. This park is so big that it takes almost a whole day to visit it and there are two special things in this park, number one is the lake here and number two is that this entire park runs on solar energy. Here you can also do activities like boating, cycling, fish feeding. The local people also come here for jogging every morning and evening. This entire park is eco-friendly and to roam in this park, you will also get lessons in which you can sit and do this. You can roam around in Pura but you will have to pay the card fee of around ₹ 50. And its timing is from 5:00 in the morning to 10:00 in the night.

हजरतगंज बाजार || Hazratganj market

हजरतगंज बाजार सबसे मशहूर मार्केट है लखनऊ का जहां आप लखनऊ मेट्रो से भी पहुंच सकते हैं लखनऊ की जान और लखनऊ की शान है हजरतगंज बाजार खाने पीने से लेकर शॉपिंग तक यहां आपको सब कुछ मिलेगा अगर आप दिल्ली के हैं या फिर दिल्लीका वह हजरत में पहुंचते ही आपको दिल्ली के कनॉट प्लेस की याद आ जाए इस मार्केट के अंदर आपको मिल जाएगा जहां आप बहुत ही कम दाम पर सारी शॉपिंग कर सकते हैं हजरतगंज बाजार युवा के बीच काफी पॉप्युलर है और लखनऊ घूमने वाला हर टूरिस्ट इस बाजार को एक न एक बार जरूर देखना आता है| लखनऊ की फेमस बॉस्केट बाजार में मिलेगी| और  समय सुबह 10:00 से लेकर 9:00 बजे तक|

Hazratganj market is the most famous market of Lucknow where you can also reach by Lucknow metro. Hazratganj market is the life of Lucknow and the pride of Lucknow. From food to shopping, you will get everything here. If you are from Delhi or from Delhi, you can reach Hazrat. You will be reminded of Delhi’s Connaught Place, inside this market you will find where you can do all the shopping at very low prices. Hazratganj market is very popular among the youth and every tourist visiting Lucknow visits this market at least once. Definitely knows how to see. Lucknow’s famous basket will be available in the market. And its timing is from 10:00 am to 9:00 am.

लखनऊ ज़ू || Lucknow Zoo

लखनऊ ज़ू -हर बच्चे का सपना होता है एक बार उसे चिड़ियाघर जाकर जरूर देखें और उनका यह सपना लखनऊ ज़ू पूरा कर सकता है लखनऊ जू कम से कम 100 साल पुराना है जो की 70 एकड़ में फैला हुआ है लखनऊ में आप जिराफ चिंपांजी व्हाइट टाइगर लायन सांप और हिरण की अलग-अलग प्रजातियां देख सकते हैं लखनऊ में टॉय ट्रेन भी चलती है लखनऊ के छोटे-छोटे मिनिेचर भी दिख जाएंगे जिनके साथ आप तस्वीर भी खिंचवा सकते हैं| लखनऊ जू में आपको हाथी देखने को नहीं मिलेंगे क्योंकि जब लखनऊ में मायावती जी की सरकार थी तो उन्होंने इस ज़ू में से सारे हाथियों को आजाद करवा दिया था लखनऊ से एक बहुत बड़ा पिकनिक स्पॉट भी है और यहां बोटिंग भी कर सकते हैं सिर्फ ₹60 प्रति व्यक्ति में लखनऊ जू का समय है सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 तक और यह सोमवार को बंद होता है लखनऊ ज़ू घूमने में 3 से 4 घंटे लगेगा|

Lucknow Zoo – Every child has a dream to visit the zoo once and this dream can be fulfilled by Lucknow Zoo. Lucknow Zoo is at least 100 years old and is spread over 70 acres. In Lucknow, you can find Giraffe, Chimpanzee, White Tiger. You can see lion, snake and different species of deer. Toy train also runs in Lucknow. Small miniatures of Lucknow will also be seen with which you can also get your picture clicked. You will not get to see elephants in Lucknow Zoo because when Mayawati ji was in power in Lucknow, she had freed all the elephants from this zoo. There is also a big picnic spot from Lucknow and you can also do boating here for just ₹ 60. Per person, Lucknow Zoo timings are from 8:00 am to 6:00 pm and it is closed on Monday. It will take 3 to 4 hours to visit Lucknow Zoo.

ब्रिटिश रेजिडेंसी || British Residency

ब्रिटिश रेजिडेंसी की दीवारे गवाह है 1857 के आजादी की लड़ाई के संघर्ष की लखनऊ की वीरों की गाथा बयां करती है ब्रिटिश रेजिडेंसी अवध के नवाब ने अंग्रेजों के रहने के लिए जगह बनवाई थी जहां पर ब्रिटिशर्स के ऑफिसेज रहा करते थे इसलिए इस जगह को नाम रेजिडेंसी दिया गया लेकिन जब 1857 और उनकी फैमिली तकरीबन 5 महीने तक फस गई थी उसी समय यहां पर तकरीबन 2000 ब्रिटिशर्स मारे गए थे जिनकी कबर आज भी वहां पर मौजूद है माना जाता है कि उन्हीं ब्रिटिश इसका भूत आज भी इस रेजीडेंसी में घूमता है शायद इसी वजह से यह रेजिडेंसी आज पर्यटकों के बीच बहुत फेमस है अगर आप भारत की हिस्ट्री मॉन्यूमेंट्स और यहां के कल्चर में दिलचस्पी रखते हैं तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है क्योंकि इस जगह के बारे में कुछ बताने से ज्यादा अच्छा होगा इस जगह को अपनी आंखों से देखना और मह्सुश करना| ब्रिटिश रेजिडेंसी में जाने की फीस ₹25 है और यह सुबह 9:00 से लेकर शाम को 5:00 तक खुली होती है इस रेजिडेंसी के अंदर जो म्यूजियम है वह प्रत्येक शुक्रवार को बंद होता है|

The walls of the British Residency are a witness to the struggle of the freedom struggle of 1857. The British Residency tells the story of the heroes of Lucknow. The Nawab of Awadh had built a place for the British to live where the Britishers used to have their offices, hence the name of this place is Residency. But when in 1857 and his family was trapped for about 5 months, about 2000 Britishers were killed here, whose grave is still present there. It is believed that the ghost of the same Britisher still roams in this Residency, perhaps it is because of this. Because of this, this residency is very famous among the tourists today. If you are interested in the historical monuments of India and its culture, then this place is perfect for you because instead of telling anything about this place, it would be better to see this place with your own eyes. Seeing and feeling The fee to enter the British Residency is ₹ 25 and it is open from 9:00 am to 5:00 pm. The museum inside this Residency is closed every Friday.

अंबेडकर पार्क || Ambedkar Park

अंबेडकर पार्क जो कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल के नाम से भी मशहूर है यह लखनऊ की विपुल खंड गोमती नगर में पड़ता है भीमराव अंबेडकर पार्क बनवाया गया था पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जी के राजनीतिक यह पार्क डॉक्टर बीआर अंबेडकर के नाम से बना हुआ है और यह पर डेडीकेटेड है बाकी फ्रीडम फाइटर के लिए भी जैसे ज्योतिबा फुले बिरसा मुंडा कांशी राम और श्री नारायण गुरु भीमराव अंबेडकर पार्क रेड सेंडस्टोन से बना हुआ है और यह पार्क इतना सुंदर है कि इस घूमने में लगभग दो घंटे लागेंगे यहाँ पर म्यूजियम भी मिलेगा जिसका नाम है डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय और यहां पर डॉ भीमराव अंबेडकर की दर्शन स्थल भी है भीमराव अंबेडकर पार्क की एंट्री टिकट ₹15 है और 5 साल से छोटे बच्चों की यहां टिकट नहीं लगती| पार्क का समय सुबह ९ बजे से शाम ७ बजे तक है|

Ambedkar Park, which is also famous as Dr. Bhimrao Ambedkar Social Change Symbol Place, is located in Gomti Nagar, Vipul Khand of Lucknow. Bhimrao Ambedkar Park was built by former Chief Minister Mayawati Ji. This park is named after Dr. BR Ambedkar. And it is also dedicated to other freedom fighters like Jyotiba Phule, Birsa Munda, Kanshi Ram and Shri Narayan Guru Bhimrao Ambedkar. The park is made of red sandstone and this park is so beautiful that it will take about two hours to visit. A museum will also be found here. Whose name is Dr. Bhimrao Ambedkar Museum of Social Change and there is also a place to visit Dr. Bhimrao Ambedkar. The entry ticket of Bhimrao Ambedkar Park is ₹ 15 and there is no ticket for children below 5 years. Park timings are from 9 am to 7 pm.

रूमी दरवाजा || Rumi Darwaza

रूमी दरवाजा जो कि लखनऊ के प्रवेश द्वार के नाम से भी फेमस है यह 60 फुट लंबी ऊंची इमारत है जिसका आकार गेट की तरह है और जिसने अवध आर्किटेक्चर को आज भी जिंदा रखा हुआ है रूमी दरवाजे में आपको प्राचीन नक्शे भी मिलेंगे ऐसा कहा जाता है कि 18वीं साड़ी में यह दरवाजा लखनऊ की शाम था लेकिन उसके बाद इस दरवाजे का इस्तेमालों ने अपनी कोठियां में अंदर जाने और बाहर आने के लिए करने लगे और उसके बाद अंग्रेजों ने इस दरवाजे को बहुत हद तक नष्ट कर दिया| २१वी सदी में पर्यटक आनंद लेते हुए यहां उसकी भेलपुरी कैमल राइड और छोटे-मोटे झूलों की सवारी आप कर सकते हैं रुमि दरवाजे में आने की कोई एंट्री फीस नहीं है और यह है 24 घंटे खुला होता है रूबी दरवाजा घूमने का सबसे सही समय होगा शाम का ताकि आप लोग धूप से परेशान ना हो |

Rumi Darwaza, which is also famous as the entrance gate of Lucknow, is a 60 feet tall building whose shape is like a gate and which has kept Awadh architecture alive even today. It is said that you will also find ancient maps in Rumi Darwaza. That this door was in the evening of Lucknow in the 18th century but after that people started using this door to go in and out of their chambers and after that the British destroyed this door to a great extent. In the 21st century, tourists can enjoy the Bhelpuri Camel Ride and ride on small swings. There is no entry fee to enter the Rumi Darwaza and it is open 24 hours. The best time to visit the Ruby Darwaza would be in the evening. So that you people are not troubled by the sun.

बड़ा इमामबाड़ा || Bada Imambara

बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ की जान और शान है बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ आने वाला हर पर्यटक बड़ा इमामबाड़ा घूमने जरूर आता है लखनऊ के बड़े इमामबाड़े का सबसे बड़ा आकर्षण है यहां की भूल भुलैया | इस इमाम बाड़े के तीन हिस्से है सबसे पहले है भूलभुलैया जो पहली मंजिल पर है दूसरी है बावली और तीसरा है यहाँ का इमाम बाड़ा | है की यहाँ भूलभलैया तक जाने के लिए 1024 रास्ते है लेकिन वापिस आने के केवल दो है बड़े इमामबाड़े का नाम आसफ इमामबाड़ा के नाम पर रखा गया था जिस नवाब ने इमामबाड़ा बनवाया था उसमे कोई लकड़ी या का धातु का इस्तेमाल नहीं किया गया है इस बाड़े में आप नवाब आसद -उद -दौला की कब्र और लाशे भी देख सकते हैं बड़े इमामबाड़ा की टाइमिंग है सुबह 6:00 बजे से लेकर 5:00 तक और यहां के एंट्री फीस भारतीयों के लिए ₹25 औरविदेशियों के लिए ₹500 है | अगर आप दो से ज्यादा लोग इमाम बाडे में जाते हैं तो आपको यहां पर गाइड मिलेगा जो डेढ़ सौ रुपए लेगा जो घूमने के लिए रास्ते बताएगा व इमामबाड़ा के पीछे छुपी आश्चर्यजनक कहानी के बारे में बताएगा तो अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो बड़ा इमामबाड़ा जरूर घूमें|

Bada Imambara is the life and pride of Lucknow. Every tourist coming to Lucknow definitely comes to visit Bada Imambara. The biggest attraction of Bada Imambara of Lucknow is the maze here. This Imam Bada has three parts, first is the maze which is on the first floor, second is the stepwell and third is the Imam Bada here. It is said that there are 1024 ways to go to Bhulbhalaya but there are only two ways to return. Bade Imambara was named after Asaf Imambara, the Nawab who built the Imambara, no wood or metal has been used in it. You can also see the tomb and dead body of Nawab Asad-ud-Daula. The timing of Bade Imambara is from 6:00 am to 5:00 pm and the entry fee here is ₹ 25 for Indians and ₹ 500 for foreigners. If you more than two people go to Imambara, then you will get a guide here who will charge one hundred and fifty rupees, who will tell you the routes to visit and will tell you about the amazing story hidden behind the Imambara. So if you are going to Lucknow, then Bada Imambara is a must roam around.

1 thought on “लखनऊ में 10 सर्वश्रेष्ठ भ्रमण स्थल || 10 Best Visiting Place In Lucknow”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top